प्रदूषण का प्रभाव केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है। अध्ययनों से पता चला है कि उच्च प्रदूषण स्तर वाले क्षेत्रों में अवसाद और चिंता के मामले अधिक होते हैं।
वायु में मौजूद विषैले तत्व मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
लेकिन इसके अलावा भी कुछ ऐसा है जो आपके सोचने का तरीका बदल सकता है…
अगली जानकारी आपके लिए चौंकाने वाली होगी…